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पथरी(Pathri): एक आम, परंतु पीड़ादायक समस्या

Pathri

हमारे शरीर में कई तरह की पथरी(Pathri) बन सकती है, जैसे कि गुर्दे की पथरी(Pathri), पित्त की पथरी(Pathri), और मूत्राशय की पथरी(Pathri)। इनमें से गुर्दे की पथरी सबसे आम है, जो आमतौर पर खनिज लवणों के जमा होने के कारण बनती है।

पथरी के प्रकार और उनके कारण(Pathri ke prakar aur unke karan)

पथरी(Pathri) का प्रकारकारण
कैल्शियम ऑक्सलेट पथरी(Pathri)शरीर में कैल्शियम और ऑक्सलेट की अधिकता
यूरिक एसिड पथरी(Pathri)मांसाहार, शराब का अधिक सेवन, और कुछ बीमारियाँ
स्ट्रुवाइट पथरी(Pathri)मूत्र मार्ग में संक्रमण
सिस्टीन पथरी(Pathri)आनुवांशिक विकार

पथरी होने के लक्षण: कब हो जाएं सतर्क(Pathri hone ke laxan: kab ho jayein satark)

पथरी(Pathri) के लक्षण उसके आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। छोटी पथरी(Pathri) अक्सर बिना किसी लक्षण के शरीर से बाहर निकल जाती हैं, जबकि बड़ी पथरी(Pathri) गंभीर दर्द और अन्य समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।

Pathri
Source – Medicover Hospitals

सामान्य लक्षण:

  • असहनीय दर्द: पथरी(Pathri) के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक है असहनीय दर्द, जो पेट के निचले हिस्से, पीठ, या पार्श्व में महसूस हो सकता है। यह दर्द अचानक शुरू हो सकता है और लहरों में आ सकता है।
  • मूत्र में खून: पथरी(Pathri) के कारण मूत्र मार्ग में खरोंच लग सकती है, जिससे मूत्र में खून आ सकता है।
  • जी मिचलाना और उल्टी: पथरी(Pathri) के दर्द के कारण जी मिचलाना और उल्टी हो सकती है।
  • बार-बार पेशाब आना: पथरी(Pathri) मूत्राशय में जलन पैदा कर सकती है, जिससे बार-बार पेशाब आने की इच्छा होती है।
  • मूत्र त्याग में कठिनाई: बड़ी पथरी(Pathri) मूत्र मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे मूत्र त्याग करने में कठिनाई हो सकती है।
  • बुखार और ठंड लगना: यदि पथरी(Pathri) के साथ संक्रमण हो जाए, तो बुखार और ठंड लगने की समस्या भी हो सकती है।

विशिष्ट लक्षण:

  • गुर्दे की पथरी(Pathri): पेट के निचले हिस्से, पीठ, या पार्श्व में तेज दर्द, जो अंडकोष या योनि तक फैल सकता है।
  • मूत्राशय की पथरी(Pathri): पेशाब करते समय दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, और बार-बार पेशाब आना।
  • पित्त की पथरी(Pathri): पेट के ऊपरी दाएँ हिस्से में दर्द, जो कंधे तक फैल सकता है, साथ ही जी मिचलाना, उल्टी, और बुखार।

पथरी का निदान और इलाज(Pathri ka nidan aur illaaj)

पथरी(Pathri) का निदान करने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक परीक्षण, और कुछ टेस्ट जैसे कि एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, या सीटी स्कैन की मदद ले सकते हैं।

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इलाज के विकल्प:

  • छोटी पथरी(Pathri): छोटी पथरी(Pathri) के लिए डॉक्टर आपको खूब पानी पीने और दर्द निवारक दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। ये पथरी आमतौर पर अपने आप ही शरीर से बाहर निकल जाती हैं।
  • बड़ी पथरी(Pathri): बड़ी पथरी(Pathri) के लिए डॉक्टर निम्न में से एक या अधिक उपचार विकल्प अपना सकते हैं:
    • शॉक वेव लिथोट्रिप्सी: इस प्रक्रिया में ध्वनि तरंगों की मदद से पथरी(Pathri) को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है, जो फिर मूत्र के साथ बाहर निकल जाते हैं।
    • यूरेटेरोस्कोपी: इस प्रक्रिया में एक पतली ट्यूब मूत्र मार्ग में डाली जाती है, जिसकी मदद से पथरी(Pathri) को निकाला जाता है या तोड़ दिया जाता है।
    • परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी: इस प्रक्रिया में त्वचा में एक छोटा सा छेद किया जाता है और उसके जरिए एक पतली ट्यूब गुर्दे में डाली जाती है। फिर इस ट्यूब की मदद से पथरी(Pathri) को निकाला या तोड़ दिया जाता है।
    • सर्जरी: बहुत बड़ी या जटिल पथरी(Pathri) के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

पथरी से बचाव के उपाय(Pathri se bachav ke upaay)

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SOurce – Ayu Health
  • खूब पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, ताकि मूत्र पतला रहे और पथरी(Pathri) बनने की संभावना कम हो।
  • खान-पान में बदलाव: नमक, चीनी, और प्रोटीन का सेवन कम करें। ऑक्सलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चॉकलेट, और नट्स का सेवन सीमित करें।
  • संतुलित आहार लें: फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं।
  • वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन होने से पथरी(Pathri) बनने का खतरा बढ़ जाता है।
  • नियमित व्यायाम करें: व्यायाम करने से पथरी(Pathri) बनने की संभावना कम होती है।

पथरी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब(Pathri se jude kuch mehetvapurna saval aur unke javab)

आमतौर पर पथरी(Pathri) जानलेवा नहीं होती, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्याएं जैसे किडनी फेलियर का कारण बन सकती है।

जी हां, पथरी(Pathri) का दर्द बहुत तेज और असहनीय हो सकता है।

जी हां, अगर एक बार पथरी(Pathri) हो चुकी है, तो भविष्य में इसके दोबारा होने की संभावना बढ़ जाती है।

कुछ घरेलू उपाय जैसे कि खूब पानी पीना, नींबू पानी पीना, और कुछ जड़ी-बूटियाँ लेना पथरी(Pathri) के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये पथरी(Pathri) को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

अंतिम शब्द

पथरी(Pathri) एक आम समस्या है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपको पथरी(Pathri) के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज और बचाव के उपाय अपनाकर आप पथरी(Pathri) की समस्या से निजात पा सकते हैं।

Pregnancy mein ladki hone par dard

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