शुगर(Diabetes) के लक्षण: मीठी बीमारी की कड़वी सच्चाई

Diabetes

शुगर(Diabetes), जिसे मधुमेह या डायबिटीज भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर रक्त में मौजूद शर्करा (ग्लूकोज) को ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब नहीं दे पातीं। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शर्करा को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। जब शर्करा ऊर्जा में नहीं बदल पाती, तो वह रक्त में जमा होने लगती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

शुगर के प्रकार (Types of Diabetes)

शुगर(Diabetes) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:

Diabetes
Source – Apollo Sugar Clinics
  • टाइप 1 मधुमेह: इसमें शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता। यह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में होता है।
  • टाइप 2 मधुमेह: इसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब नहीं दे पातीं। यह आमतौर पर वयस्कों में होता है, लेकिन अब बच्चों में भी देखा जा रहा है।

शुगर के लक्षण (Symptoms of Diabetes)

शुगर(Diabetes) के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और कई बार शुरुआत में नज़र नहीं आते। यही कारण है कि इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। लेकिन, कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination): विशेष रूप से रात में
  • अत्यधिक प्यास लगना (Excessive Thirst): भले ही आप पर्याप्त पानी पी रहे हों
  • तेजी से वजन कम होना (Unexplained Weight Loss): बिना किसी प्रयास के
  • अत्यधिक भूख लगना (Increased Hunger): खाने के बाद भी भूख महसूस होना
  • थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness): बिना किसी कारण के थकान महसूस होना
  • घाव भरने में देरी (Slow Healing of Sores or Wounds): छोटे-मोटे घाव भी देर से भरना
  • धुंधला दिखाई देना (Blurry Vision): आंखों की रोशनी कम होना
  • हाथों या पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन (Numbness or Tingling in Hands or Feet): नसों में क्षति के कारण
  • त्वचा में खुजली या संक्रमण (Skin Problems): जैसे खुजली, फोड़े-फुंसी, या फंगल संक्रमण

शुगर के अन्य लक्षण (Other Symptoms of Diabetes)

उपरोक्त लक्षणों के अलावा, शुगर(Diabetes) के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे:

Source – Medindia
  • मुंह का सूखना (Dry Mouth)
  • मतली या उल्टी (Nausea or Vomiting)
  • सांसों में फलों जैसी गंध (Fruity Odor on Breath)
  • पेट में दर्द (Stomach Pain)
  • चिड़चिड़ापन या मूड में बदलाव (Irritability or Mood Changes)
  • त्वचा का काला पड़ना (Darkening of Skin)

शुगर के कारण (Causes of Diabetes)

शुगर(Diabetes) होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  • आनुवंशिकता (Genetics): अगर आपके परिवार में किसी को शुगर(Diabetes) है, तो आपको भी होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • मोटापा (Obesity): अधिक वजन या मोटापा टाइप 2 मधुमेह के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • अस्वस्थ जीवनशैली (Unhealthy Lifestyle): जंक फूड का सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, और धूम्रपान भी शुगर(Diabetes) के खतरे को बढ़ाते हैं।
  • उम्र (Age): 45 वर्ष की आयु के बाद शुगर(Diabetes) होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • गर्भावस्था (Pregnancy): कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाता है।

शुगर की जांच (Diagnosis of Diabetes)

अगर आपको शुगर(Diabetes) के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके रक्त में शर्करा के स्तर की जांच करेंगे। शुगर की जांच के लिए कई टेस्ट किए जाते हैं, जैसे:

Source – Center for Practice Transformation
  • फास्टिंग ब्लड शुगर(Diabetes) टेस्ट (Fasting Blood Sugar Test): यह टेस्ट रात भर उपवास रखने के बाद किया जाता है।
  • ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test): इस टेस्ट में आपको ग्लूकोज का घोल पीना होता है और फिर आपके रक्त में शर्करा के स्तर की जांच की जाती है।
  • HbA1c टेस्ट (HbA1c Test): यह टेस्ट आपके पिछले 2-3 महीनों के औसत रक्त शर्करा स्तर को मापता है।

शुगर का इलाज (Treatment of Diabetes)

शुगर(Diabetes) का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। शुगर(Diabetes) के इलाज के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:

  • दवाएं (Medications): कुछ मामलों में, डॉक्टर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
  • इंसुलिन थेरेपी (Insulin Therapy): टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है।
  • जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes): स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और वजन नियंत्रण शुगर(Diabetes) को नियंत्रित करने के महत्वपूर्ण तरीके हैं।
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शुगर से बचाव (Prevention of Diabetes)

शुगर(Diabetes) से बचाव के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

Source – Life Linde Screening
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a Healthy Weight): अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने का प्रयास करें।
  • नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly): सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
  • स्वस्थ आहार लें (Eat a Healthy Diet): फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें। प्रोसेस्ड फूड, शक्करयुक्त पेय, और संतृप्त वसा से बचें।
  • धूम्रपान न करें (Quit Smoking): धूम्रपान शुगर(Diabetes) के खतरे को बढ़ाता है।
  • नियमित जांच कराएं (Get Regular Checkups): अगर आपको शुगर(Diabetes) होने का खतरा है, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं।

शुगर: एक चुनौती, पर नियंत्रण संभव

शुगर(Diabetes) एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको शुगर(Diabetes) के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव करके आप शुगर(Diabetes) को नियंत्रित कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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