ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण(Brest Cancer ke laxan): समय पर पहचान, जीवन की रक्षा

Brest Cancer ke laxan

ब्रेस्ट कैंसर, महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है। भारत में, हर साल लगभग 1.5 लाख महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का पता चलता है। यह एक डरावना आंकड़ा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि स्तन कैंसर का जल्दी पता चलने पर इसका सफल इलाज संभव है। इसीलिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों(Brest Cancer ke laxan) को पहचानना बेहद जरूरी है।

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के शुरुआती और प्रमुख लक्षणों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, जानेंगे कि अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे तो क्या करना चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है?(Brest Cancer kya hota hai?)

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer), ब्रेस्ट की कोशिकाओं में होने वाला एक अनियंत्रित विकास है। यह आमतौर पर दूध नलिकाओं (ductal carcinoma) या दूध ग्रंथियों (lobular carcinoma) में शुरू होता है, लेकिन ब्रेस्ट के अन्य ऊतकों में भी हो सकता है।

Brest Cancer ke laxan

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण:(Brest Cancer ke shuruvati laxan)

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के शुरुआती लक्षण अक्सर सूक्ष्म होते हैं, और कई बार इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन समय रहते इन लक्षणों को पहचानना, इलाज के सफल होने की संभावनाओं को बढ़ा देता है।

  1. ब्रेस्ट में गांठ या मोटा होना:

ब्रेस्ट में कोई नई गांठ या मोटा होना सबसे आम लक्षण है। यह गांठ कहीं भी हो सकती है – ब्रेस्ट में, बगल में, या कॉलरबोन के पास। यह गांठ आमतौर पर दर्द रहित होती है, लेकिन कुछ मामलों में दर्द हो सकता है।

  1. ब्रेस्ट के आकार, आकृति या दिखावट में बदलाव:
  • ब्रेस्ट का आकार बढ़ना या घटना: एक ब्रेस्ट का दूसरे ब्रेस्ट से बड़ा होना, या ब्रेस्ट का आकार बदलना।
  • ब्रेस्ट की त्वचा में बदलाव: त्वचा में लालिमा, सूजन, डिंपलिंग (संतरे के छिलके जैसी), या खुरदरापन।
  • निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर खिंचाव (inverted nipple), निप्पल से स्राव (खूनी या साफ़), निप्पल के आसपास की त्वचा में खुजली या रैश।
  1. ब्रेस्ट में दर्द:

हालांकि ब्रेस्ट में दर्द अक्सर हार्मोनल बदलाव, मासिक धर्म, या अन्य कारणों से होता है, लेकिन लगातार रहने वाला दर्द ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का संकेत हो सकता है।

  1. बगल में सूजन या गांठ:

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के शुरुआती चरण में, कैंसर कोशिकाएं बगल (armpit) के लिम्फ नोड्स में फैल सकती हैं, जिससे वहां सूजन या गांठ हो सकती है।

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के अन्य लक्षण:

  • हड्डियों में दर्द
  • पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
  • अस्पष्टीकृत वजन घटना
  • लगातार खांसी
  • सांस लेने में तकलीफ

ध्यान दें: ये लक्षण ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक:(Brest Cancer ke jokhim karak)

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के कई जोखिम कारक हैं, जिनमें से कुछ को बदला नहीं जा सकता:

  • उम्र: 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा अधिक होता है।
  • पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी को ब्रेस्ट या डिम्बग्रंथि का कैंसर रहा है, तो आपका जोखिम बढ़ जाता है।
  • जेनेटिक्स: BRCA1 और BRCA2 जैसे जीन में बदलाव (म्यूटेशन) होने से ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा बढ़ सकता है।

कुछ जोखिम कारक हैं जिन्हें बदला जा सकता है:

  • हार्मोनल थेरेपी: लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी लेने से ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा बढ़ सकता है।
  • शराब का सेवन: नियमित रूप से शराब पीने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा अधिक होता है।
  • मोटापा: अधिक वजन या मोटापा होने से ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा बढ़ सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम न करने से ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) का खतरा बढ़ सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच(Brest Cancer ki jaach)

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) की जल्द पहचान के लिए नियमित जांच बेहद जरूरी है।

  • स्वयं जांच: हर महीने मासिक धर्म के बाद अपने ब्रेस्ट की जांच करें।
  • क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जाम: 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर साल डॉक्टर से ब्रेस्टकी जांच करवानी चाहिए।
  • मैमोग्राम: 45-54 वर्ष की महिलाओं को हर साल, और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर 2 साल में मैमोग्राम करवाना चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज(Brest Cancer ka ilaaj)

ब्रेस्ट कैंसर(Brest Cancer) के इलाज के कई विकल्प हैं, जिनमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, और टारगेटेड थेरेपी शामिल हैं। इलाज का सही विकल्प कैंसर के प्रकार, स्टेज, और महिला की व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय(Brest Cancer se bachav ke upaay)

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • शराब का सेवन सीमित करें या न करें।
  • धूम्रपान न करें।
  • 40 वर्ष की उम्र के बाद नियमित जांच करवाएं।

सारांश तालिका:

लक्षणविवरण
ब्रेस्ट में गांठआकार, प्रकार, और स्थान में भिन्न हो सकती है, दर्द रहित या दर्दनाक हो सकती है।
ब्रेस्ट के आकार या त्वचा में बदलावब्रेस्ट का आकार बढ़ना या घटना, त्वचा में लालिमा, सूजन, डिंपलिंग, या खुरदरापन।
निप्पल में बदलावनिप्पल का अंदर की ओर खिंचाव, निप्पल से स्राव, निप्पल के आसपास की त्वचा में खुजली या रैश।
ब्रेस्ट में दर्दलगातार रहने वाला दर्द चिंता का विषय हो सकता है।
बगल में सूजन या गांठलिम्फ नोड्स में सूजन कैंसर के फैलने का संकेत हो सकती है।

Author

  • Dr Dinesh Vishwas

    with over 15 years of experience and qualifications including BAMS, CCYP, DNHE, BYP, PGDCSH, and MSc, specializes in treating Diabetes and Metabolic Disorders, Kidney and Urinary Disorders, Joint and Arthritis Care, Cardiac issues, Fallopian Tubal Blockage, and Infertility. His comprehensive expertise ensures effective treatment across these critical health areas.

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